प्लिनाज़ोलिन टेक्नोलॉजी युक्त “इन्सिपिओ”
प्लिनाज़ोलिन तकनीक फसलों को हानिकारक कीटों से प्रभावी ढंग से बचाती है, और लंबे समय तक स्प्रे अंतराल की अनुमति देती है।
यह 360° इनोवेशन प्रदान करके और कीट नियंत्रण में एक नया मानक स्थापित करके अपने वादों को पूरा करता है।
उत्पादकता और फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए तकनीक की सूर्य के प्रकाश की स्थिरता और बारिश प्रतिरोधी गुण, लंबे समय.. तक छिड़काव अंतराल को अनुमति देते हैं।
प्लिनज़ोलिन® का परिणाम है
धान के किसानों के बीच तना छेदक और पत्ती लपेट कीट एक बढ़ती हुई समस्या है, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। पौधे के वानस्पतिक वृद्धि अवस्था में ये लार्वा कंसों को छेद कर तनों को खाते हैं जिसके परिणामस्वरूप पूरे पौधे का तना भाग सूख जाता है जिसे "डेड हार्ट" कहते हैं।
पौधे के जनन अवस्था में ये लार्वा तना को छेद कर केन्द्रीय तना के उत्तको को खाते हैं जिससे दाने नहीं भरते जिसे " व्हाइट इयरहेड" कहते हैं, यह नियंत्रित करने में कठिन और विनाशकारी कीट है जो फसल के प्रारंभिक विकास चरणों के दौरान आक्रमण करता है, जिससे उपज में 30% से 40% तक की हानि होती है।